Sunday, May 17, 2020

पुण्डरी

मैं चार पांच साल का था |  बाउजी सुब इंस्पेक्टर थे कृषि विभाग में |  घर किराये पर था।  बहुत बड़ा था।  पहले डयोढ़ी थी।  उसके बाद खुला मैदान था काफी लम्बा चौड़ा।  उसके बाएं तरफ स्टोर था बाथरूम था फिर रसोई थी उसके सामने खाली जगह थी। खाली जगह के दाईं तरफ एक बहुत बड़ा हाल कमरा था।  उससे आगे एक और कमरा था जो मकान मालिक ने अपने पास रखा हुआ था।  उससे आगे एक और बड़ा कमरा था जिसमें भैंस के लिए टुड़ा रखा जाता था।  उससे आगी एक दो कमरे और थे जो मकान मालिक के ही पास थे. मकान मालिक वहां नहीं रहता था | पड़ौस में एक तसीलदार का मकान था।  माता जी , बाउजी , बिमला बहिन जी , संतोष बहनजी , निर्मल बहनजी , मैं और मेरा कजिन भाई प्रेम सिंह वहां रहते थे।  एक भैंस राखी हुई थी। एक बार भैंस गम हो गयी थी।  बहुत ढूँढा फिर रात के दस बजे जाकर पास के इलाके से मिली थी | मुझे स्कूल भेजने की बात कभी कभी होती थी।
   पुण्डरी में मकान वाली गली से पूर्व की और चल कर एक किलोमीटर के लगभग मेन सड़क आ जाती थी जो कैथल को जाती बताते थे।  ठीड़ गली के सामने सड़क के उस पार एक बड़ा तालाब था जहाँ भैंस को पानी पिलाने प्रेम भाई के साथ कई बार जाता था।  एक बार कमला बहिनजी आई हुई थी और वो बीमार हो गयी थी तो उनको कैथल सरकारी अस्पताल में 4 या 5 दिन दाखिल रखा गया था।  उनके बारे जब परिवार वाले बातें करते तो पूरी बात नहीं समझ पाता था लेकिन एक हल्का सा भय जरूर महसूस करता था।
 एक बार मौसी छानकौर  आयी हुई थी।  एक दिन सुबह नाहा कर वह ओढ़नी ओढ़े बड़े कमरे में आ गयी।  मैं भी वहां था।  उनका ओढ़ना गिर गया था कपडे पहनते हुए।  मुझे उस दिन इस बात की जानकारी हुई थी कि महिला और पुरुष में शारीरिक भिन्नता होती है।
    गली में एक मकान खली पड़ा था।  उसमें चिमगादड़ बहुत थे।  वे छतों की कड़ियों से चिपक जाते थे। उनको देखना , पकड़ने की कोशिश करना और साथ ही डरना चलता रहता था।  गली में ही एक सरदारजी का परिवार भी रहता था।
यह तो नहीं पता होता था कि किस बात पर लेकिन बाउजी प्रेम भाई की पिटाई कई बार कर देते थे।  मुझे भी डर लगता था। तीनों बहनें स्कूल पढ़ने जाती थीं।  निर्मल को घर में गुड्डी कह कर बुलाते थे और संतोष को तोशी कहते थे।  बिमला बहनजी को बिमला ही कहते थे।
   एक बार कमला बहनजी ए हुए थे।  उनसे किसी बात से नाराज होकर मैं छत पर चढ़ कर मंडेरे पर चलने लगा था।  बड़ी होशियारी से मुझे निचे उतरा गया था।  कैसे यह तो कमला बहनजी ही बता सकती हैं। 

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