पुरानी यादें --मेरे बॉस डॉ सेखों
1976 -1977 का दौर
मेरी पोस्टिंग spm deptt की तरफ से सिविल अस्पताल बेरी में कर दी गई। सिविल अस्पताल के अलावा लेडीज का विंग भी था बाजार के अंदर जा कर । उसमें एक बुजुर्ग महिला फार्मासिस्ट की पोस्टिंग थी। designation दूसरा भी हो सकता है । वहां से सन्देश आया शाम के वक्त कि एक मुश्किल डिलीवरी है और डॉक्टर साहब को बुलाया है। मैं सोचता जा रहा था कि डेढ़ महीने की maternity ड्यूटी में 5 या 6 डिलीवरी देखी थी। सोचते सोचते पहुंच कर देखा कि breech डिलीवरी थी। monaster था। चार टांगे , चार बाजू , धड़ एक और दो सिर वाला। चारों टांगे और दो बाजू डिलीवर हो चुकी थी। देख कर पसीने छूट गए। एक मिनट सोचा कि मेडिकल भेज दिया जाए। फिर सोचा इस हालत में कैसे भेजेंगे? अगले ही पल सोचा कोशिश करते हैं । मन ही मन Dr GS Sekhon मेरे बॉस याद आ गए। वे कहते थे कि कितना भी मुश्किल मामला हो अपनी कॉमन सैंस को मत भूलो और पक्के निश्चय के साथ शांत भाव से जुट जाओ । जुट गया । जल्दी लोकल लगाकर episiotomy incision दिया और निरीक्षण किया। महिला का हौंसला बढ़ाया। बाकी के दो बाजू डिलीवर करने में 15 मिन्ट लगे । पसीने छूट रहे थे । खैर फिर मुश्किल से एक सिर और डिलीवर करवाया। फिर भी कुछ बाकी था । देखा अच्छी तरह तो एक सिर अभी बाकी था और पहले वाले सिर से कुछ बड़ा था । कोशिश की । episiotomy incision को extend किया । 15 से 20 मिन्ट की मश्शक्त के बाद दूसरा सिर भी डिलीवर हो गया । monaster था डेथ हो चुकी थी। मगर हम महिला को बचा पाए। पता लगता गया कि दो सिर चार बाजू चार टांगो वाला बच्चा पैदा हुआ है । कौतूहल वश बहुत लोग इकट्ठे हो गए थे। 6 महीने के बाद वापिस spm deptt में आ गया । 2-3 साल के बाद एक हैंड प्रोलैप्स का केस रेफ़ेर हुआ मेडिकल के लिए । रहडू पर लिटा कर बाजार के बीच से ले जा रहे थे तो किसी ने पूछा के बात कहां ले जा रहे हो। बताया कि एक हाथ बाहर आ गया । मेडिकल ले जा रहे हैं । तो अनजाने में उस बुजुर्ग ने कहा - एक बख्त वो था जिब चार चार हाथां आले की डिलीवरी करवा दी थी, आज एक हाथ काबू कोनी आया। किसी ने बताया था जब वह मरीज मेरे पास 6 वार्ड में दाखिल था । मेरे को मेरे बॉस Dr सेखों एक बार फिर याद आये। बहुत अलग किस्म की इंसानियत के धनी थे Dr सेखों।
1976 -1977 का दौर
मेरी पोस्टिंग spm deptt की तरफ से सिविल अस्पताल बेरी में कर दी गई। सिविल अस्पताल के अलावा लेडीज का विंग भी था बाजार के अंदर जा कर । उसमें एक बुजुर्ग महिला फार्मासिस्ट की पोस्टिंग थी। designation दूसरा भी हो सकता है । वहां से सन्देश आया शाम के वक्त कि एक मुश्किल डिलीवरी है और डॉक्टर साहब को बुलाया है। मैं सोचता जा रहा था कि डेढ़ महीने की maternity ड्यूटी में 5 या 6 डिलीवरी देखी थी। सोचते सोचते पहुंच कर देखा कि breech डिलीवरी थी। monaster था। चार टांगे , चार बाजू , धड़ एक और दो सिर वाला। चारों टांगे और दो बाजू डिलीवर हो चुकी थी। देख कर पसीने छूट गए। एक मिनट सोचा कि मेडिकल भेज दिया जाए। फिर सोचा इस हालत में कैसे भेजेंगे? अगले ही पल सोचा कोशिश करते हैं । मन ही मन Dr GS Sekhon मेरे बॉस याद आ गए। वे कहते थे कि कितना भी मुश्किल मामला हो अपनी कॉमन सैंस को मत भूलो और पक्के निश्चय के साथ शांत भाव से जुट जाओ । जुट गया । जल्दी लोकल लगाकर episiotomy incision दिया और निरीक्षण किया। महिला का हौंसला बढ़ाया। बाकी के दो बाजू डिलीवर करने में 15 मिन्ट लगे । पसीने छूट रहे थे । खैर फिर मुश्किल से एक सिर और डिलीवर करवाया। फिर भी कुछ बाकी था । देखा अच्छी तरह तो एक सिर अभी बाकी था और पहले वाले सिर से कुछ बड़ा था । कोशिश की । episiotomy incision को extend किया । 15 से 20 मिन्ट की मश्शक्त के बाद दूसरा सिर भी डिलीवर हो गया । monaster था डेथ हो चुकी थी। मगर हम महिला को बचा पाए। पता लगता गया कि दो सिर चार बाजू चार टांगो वाला बच्चा पैदा हुआ है । कौतूहल वश बहुत लोग इकट्ठे हो गए थे। 6 महीने के बाद वापिस spm deptt में आ गया । 2-3 साल के बाद एक हैंड प्रोलैप्स का केस रेफ़ेर हुआ मेडिकल के लिए । रहडू पर लिटा कर बाजार के बीच से ले जा रहे थे तो किसी ने पूछा के बात कहां ले जा रहे हो। बताया कि एक हाथ बाहर आ गया । मेडिकल ले जा रहे हैं । तो अनजाने में उस बुजुर्ग ने कहा - एक बख्त वो था जिब चार चार हाथां आले की डिलीवरी करवा दी थी, आज एक हाथ काबू कोनी आया। किसी ने बताया था जब वह मरीज मेरे पास 6 वार्ड में दाखिल था । मेरे को मेरे बॉस Dr सेखों एक बार फिर याद आये। बहुत अलग किस्म की इंसानियत के धनी थे Dr सेखों।
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